Thursday, October 24, 2024

बल्ब का अविष्कार किसने किया | Bulb ki Khoj kisne किया था?

दोस्तों आज की इस पोस्ट में बताने वाला हूं बल्ब का आविष्कार किसने किया? बल्ब का इस्तेमाल कई वर्षों से घर का रोशन करने के लिए करते आ रहे हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि जिस बल्ब का उपयोग हम अपने घर की रोशन करने के लिए उपयोग करते हैं उसे बल्ब का आविष्कार किसने किया था। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया था तो इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें। 
bulb ka avishkar kisne kiya
बल्ब के आविष्कार होने से पहले एक समय ऐसा भी था जब लोग रोशनी के लिए दिए, मोमबत्ती का उपयोग किया करते थे, लेकिन इस प्रकार के चीजों का अगर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया था, तो बहुत सी घटनाएं भी हो जाती थी वहीं इसके अलावा इनका रखरखाव भी उतना आसान नहीं था. परंतु जब से बल्ब का आविष्कार हुआ है तब से लोगों की जिंदगी एकदम बदल सी गई है। 

पहले के समय में रात के वक्त कम करने में कई प्रकार के दिक्कत में का सामना करना पड़ता था और कुछ काम ऐसे भी होते थे जिनको करना बहुत ही कठिन होता था, परंतु बल्ब का आविष्कार होने के बाद से आज किसी भी कम को आसानी से रात के समय में बाल की रोशनी से कर सकते हैं। जैसे रात के समय में ट्रेवल कर सकते हैं, और कोई भी गेम जैसे क्रिकेट, फुटबॉल हॉकी खेल सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बल्ब किससे बना होता है, इससे प्रकाश कैसे निकलता है इसके लिए आगे पढ़ते रहे। 

लेकिन जब थॉमस ऐल्वा एडिसन ने बल्ब का आविष्कार कर दिया तब मानव पूरे विश्व का चित्र ही बदल गया। अब लोगों को अंधेरे से डरने की कोई जरूरत नहीं पड़ती थी। साथ में हम केवल घर नहीं घर के बाहर भी बल्ब का इस्तेमाल होने लगा, तो आज के इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे, कि आखिर बल्ब का आविष्कार किसने किया था और कब किया था। तो आप हमारे आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। 

बल्ब क्या है?

बल्ब असल में ऐसा उपकरण है जो रोशनी प्रदान करता है यदि उसे विद्युत से जोड़ दिया जाए तब। अब आपको Current जहां-जहां भी मिलेगी, वहां आप इस बल्ब का उपयोग कर सकते हैं। बल्ब में एक तार होता है और जब उस के माध्यम से विद्युत प्रभाव किया जाता है तब वह गर्म हो जाता है और रोशनी प्रदान करता है। 

बल्ब की संरचना 

बल्ब कांच का बना होता है जो अंदर से खोखला होता है जो गोलाकार होता है यह अंदर से निर्वात की तरह काम करता है इस गोलाकार कांच के अंदर टंगस्टन धातु का तार लगा होता है और जब इस टंगस्टन तार में बिजली प्रवाहित किया जाता है तो यह कुछ ही देर में गर्म हो जाता है और जब यह अंदर से गर्म हो जाता है तो टंगस्टन वायर से प्रकाशित उत्सर्जित होने लगता है बल में बिजली प्रवाहित करने के लिए दो तार लगे होते हैं। 

इसी प्रकार से बड़े बल्ब बनाने के लिए कम दाब पर नाइट्रोजन, जीनोन, हाइड्रोजन, क्रिप्टोन, आर्गन गैस में से किसी एक को भरा जाता है। क्रिप्टन इन सभी गैसों में से सबसे बढ़िया गैस है क्योंकि इसका इस्तेमाल छोटे बल्ब बनाने में भी किया जाता है गर्म होने के कारण प्रकाश उत्पन्न करने की इस प्रक्रिया को ताप दीप्ति कहा जाता है। इसीलिए ऐसे बल्ब को तप दीप्ति बल्ब भी कहा जाता है। 

इस प्रकार के बल्ब 1.5 volt से 300 Volt तक बिजली से प्रकाश उत्पन्न कर सकते हैं इसके अलावा बाजार में 1 वॉट से लेकर 1000 वॉट तक की बल्ब आपको आसानी से मिल जाएंगे, इस प्रकार तप दीप्ति बल्ब को बनाने में खर्चा बहुत कम लगता है यह AC और DC दोनो प्रकार के करंट पर आसानी से चलता है। 

लेकिन इस तप दीप्ति बल्ब से बिजली बहुत ज्यादा खपत होती है जिसके कारण आज के समय में इनका उपयोग बहुत कम किया जाता है। आज के समय में कम बिजली खपत करने वाले बालू मार्केट में आ चुके हैं, जैसे CFL Bulb, LED Bulb इन बल्ब में रोशनी भी ज्यादा होती है लिए अब जानते हैं कि बल्ब का आविष्कार किसने किया था। 

Bulb ka avishkar kisne kiya | बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया?

दोस्तों बल्ब का आविष्कार अमेरिका के महान वैज्ञानिक थॉमस ऐल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison) ने 1879 में किया था। लेकिन बल्ब का पेटेंट एडिशन को 27 जनवरी 1980 को मिला था। एडीसन Carbon Filament Light Bulb का आविष्कार किया था। इस बल्ब में बिजली प्रवाहित होते ही वह गर्म होकर जाना लगता है। बल्ब का आविष्कार करने में Edison को करीब डेढ़ साल का समय लग गया था। 

आपको बता दें कि थॉमस अल्वा एडिसन Bulb का आविष्कार करने में हजार बार असफल हुए थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और एक बात एक एक्सपेरिमेंट करते गए। क्योंकि उनका मानना था कि जिस हजार तरीके से वह बल्ब बना रहे हैं उन हजार तरीकों से तो बल्ब नहीं बन सकती है, आखिरकार लगातार प्रयास होने के बाद उन्होंने बल्ब का आविष्कार कर दिखाया जिससे आज पूरी दुनिया रात के अंधेरों में प्रकाश से जगमगा उठती है। 

बाल बनाने के कई नाकाम कोशिशों के बाद जब एडिशन सफल हुए। तो एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं, एडिशन का कहना था कि कौन कहता है कि मैं फेल हुआ। बल्कि मैं तो सफलतापूर्वक हजार ऐसे तरीके खोज निकालो जिससे बल्ब नहीं बनाया जा सकता इसीलिए कहा जाता है कि लगातार प्रयास करने वाला व्यक्ति कभी असफल नहीं हो सकता है। 

आपको बता दें कि एडिशन ने सिर्फ बाल का आविष्कार नहीं किया था बल्कि करीब उन्होंने 1091 तरह के कई छोटे बड़े उपकरणों का इजाजत किया था। जैसे कि Motion Picture Camera, ग्रामोफोन, कारबन टेलीफोन ट्रांसमीटर, Alkaline Storage battery इत्यादि, यह सारे उपकरण थॉमस अल्वा एडिसन के नाम से ही पेटेंट है। 

लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस महान वैज्ञानिक ने हजार से भी ज्यादा वितरण का आविष्कार किया था। उन्हें बचपन में स्कूल वालों ने कमजोर बुद्धि वाला का कर निकाल दिया था। लेकिन कहते हैं ना आपकी मेहनत और प्रतिभा किसी के छुपाए नहीं छुप सकती। एडीसन ने भी अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर बल्ब समेत हजारों जीवन बदलने वाले उपकरणों का आविष्कार कर दिखाया, जिसने मानव के जीवन को बहुत ही सरल बना दिया। 

बल्ब का आविष्कार कैसे हुआ था?

अब जब आप लोग को कोई मालूम हो गया है कि आखिर बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया, तो ऐसे में अब बारी आती है यह जानने का किया खीर इन सभी चीजों के पीछे क्या-क्या कहानी है। 

विद्युत के इस्तेमाल से रोशनी पैदा करने का विचार सबसे पहले English Chemist Humphrey Davy के मन में आया था। इस बात को लगभग 200 वर्षों से भी ज्यादा हो चुकी है। जब उन्होंने ही सबसे पहले यह दिखाया था कि जब विरोध को तारों के माध्यम से प्रवाह किया जाए, तो वह तार गर्म होकर रोशनी पैदा करती है। 

वही उनके द्वारा तैयार की गई पहले जमाने का युद्ध रन कुछ घंटों तक ही जल पाते थे। लेकिन Us Inventor Thomas Edison को ही बल्ब का आविष्कार करने का पूरा श्रेय दिया जाता है। क्योंकि उन्होंने सन 1879 को Carbon Filament Light Bulb पूरी दुनिया को पेश किया था। 

Edison जी कि दिमाग से एक ऐसी तोड़ निकाली थी जिसमे वो Thin Carbon Filament के साथ बेहतर Design का इस्तेमाल करते थे। जिसमें की बेहतर Vacuums का इस्तेमाल किया गया, जो कि आगे चलकर दोनों Scientific और Commercial Challenges को खत्म करने में सफल रहा और अंत में Light Bulb बनकर तैयार हुआ। 

क्या सच में Edison जी ने ही बल्ब का आविष्कार किया था?
इस सवाल का जवाब हां भी है और ना भी मतलब कि जैसे कि जितने भी बड़े अविष्कार आज तक हुए हैं इतिहास में उसमें सभी लोगों को थोड़ा-थोड़ा हाथ रहा है। ठीक है ऐसे ही Modern Light Bulb का आविष्कार भी असल में एक मिलित कोशिश है बहुत से लोगों की। 

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि करीब 20 से ज्यादा इन वेस्टर्न अप लाइट बल्ब का डिजाइन Edison जी से पहले तैयार किया हुआ था। 

लेकिन इस बात से भी कोई मन नहीं कर सकता है कि Thomas Edison जी का योगदान सबसे ज्यादा है Light Bulb के Evolution से लेकर उसे Commercial Production तक, ऐसा इसीलिए क्योंकि वही ऐसे एकमात्र वैज्ञानिक थे जिन्होंने की पहला Commercially Practical balb तैयार किया था। वही बाकी के पहले लोगों के Design में काफी गलतियां भी थी जिससे कि वह सफल नहीं हो सके थे। 

थॉमस ऐल्वा एडिसन का जीवन परिचय

Thomas Alva Edison का जन्म 11 feb 1847 को America के मिलन में हुआ था। पढ़ाई में कमजोर होने के कारण एडिशन को बचपन में ही है स्कूल से निकाल दिया गया था इसीलिए एडिशन की मां ने उन्हें घर पर ही रह कर पढ़ना शुरू कर दिया। 

मात्र 10 साल के उम्र में ही एडिशन ने अपने घर में एक बल्ब बना लिया था। एडिशन की मां ने उन्हें केमिकल फार्मूला से लिखिए एक रसायन शास्त्र की किताबें सोप थी। जिसकी मदद से एडिशन अपना प्रयोग किया करते थे। 

अपने प्रयोगों पर होने वाले खर्च को निकालने के लिए Edison ने काम तक करना शुरू कर दिया। एडिशन ने बल्ब को बनाने में करीब $40000 खर्च किए थे। महान वैज्ञानिक Thomas Alva Edison का निधन 10 oct 1931 को हुआ था। 

मां ने Edison को महान वैज्ञानिक बनने में निभाई थी अहम भूमिका.
आप भी यह जानने को काफी उत्साहित होंगे कि एक महान मां ने कैसे एक कमजोर दिमाग वाले बच्चों को एडिशन "The Great" साइंटिस्ट बना दिया। 

आज हम सभी को पता है कि थॉमस अल्वा एडिसन कितने महान वैज्ञानिक थे। लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे की एडिशन को बचपन में ही एक मंदबुद्धि वाला बच्चा कहकर स्कूल से निकाल दिया था। लेकिन उनकी मां के अटूट विश्वास और त्याग नए एडिशन को एक महान वैज्ञानिक बना दिया। दरअसल हुआ यह जब एक दिन एडिशन स्कूल गए तो उनके शिक्षक ने एडिशन को एक नोट दिया और कहा कि इसे अपनी मां को दे देना। एडिशन घर जाकर जब अपने मां नैंसी मैथ्यू इलियट को वह Note दिया। तो उनकी मां वह नोट पढ़ कर रोने लगी. 

अपनी मां को रोते हुए देख एडिशन ने जब उसने रोने की वजह पूछी. तो उनकी मां ने उन्हें मुस्कुराते हुए कहा कि यह तो खुशी की आंसू है, दरअसल उसे नोट में लिखा था कि आपका बेटा बहुत ज्यादा बुद्धिमान है और हमारे टीचर इतने बुद्धिमान बच्चों को पढ़ने के काबिल नहीं है। इसीलिए आप अपने बच्चे को स्वयं ही पढ़ाएं। एडिसन या बात सुनकर बहुत खुश हुए और अपनी मां से ही घर पर रहकर पढ़ने लगे। 

कई साल बीत जाने के बाद जब एडिशन एक महान वैज्ञानिक बन गए और उनकी मान भी उन्हें छोड़ कर चली गई, तो एक दिन एडिशन अलमारी में कोई चीज खोज रहे थे, तभी उनके हाथ मां की डायरी लगी और उसे डायरी में ही वह स्कूल का पुराना नोट भी मिला। उसे नोट को पढ़ने के बाद एडिशन अपने आंसू नहीं रोक सके, क्योंकि उसे नोट में लिखा था कि आपका बच्चा बहुत ही मंदबुद्धि का है। इसीलिए आप इसे स्कूल ना भेजें, एडिसन ने इस घटना को बताते हुए लिखा कि एक महान मानने एक मंदबुद्धि बच्चे को सर्दी का एक महान वैज्ञानिक बना दिया। इसीलिए कहा जाता है कि एडिशन को महान वैज्ञानिक बनाने में उसकी मां का बहुत योगदान रहा। 

FAQ
Qus. बल्ब का आविष्कार कब और किसने किया था?
Ans. बल्ब का अविष्कार 27 जनवरी 1880 में थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था। 

Qus. भारत में बल्ब का आविष्कार कब हुआ?
Ans. भारत में बल्ब का आविष्कार 21 अक्टूबर सन 1878 को हुआ।

Qus. बिजली बल्ब का आविष्कारक कौन है?
Ans. बिजली बल्ब का आविष्कारक वैसे तो कई वैज्ञानिक है लेकिन थॉमस अल्वा एडिसन को बिजली बल्ब का आविष्कारक कहा जाता है। 

Qus. विद्युतीय बल्ब की खोज कब हुई थी?
Ans. विद्युतीय बल्ब की खोज सन 1831 में हुई थी. 

Qus. भारत में बल्ब का आविष्कार किसने किया था?
Ans. भारत में बल्ब का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था. 

Qus. बल्ब बनाने में कितने डॉलर की लागत आई थी? 
Ans. एडिशन को बल्ब बनाने में $40 हजार की लागत आई थी। 

निष्कर्ष!

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह आर्टिकल बल्ब का आविष्कार किसने किया जरूर पसंद आई होगी। मेरा हमेशा से यही कोशिश रहता है कि अपने राइडर्स को लाइट वालों का आविष्कार कब हुआ और कैसे हुआ के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाए जिससे उन्हें किसी दूसरे साइड या इंटरनेट में उसे आर्टिकल से संदर्भ में खोजने की जरूरत ना पड़े। 

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और वह एक ही जगह में बहुत सारी जानकारियां को प्राप्त कर पाएंगे। यदि आपके मन में इस आर्टिकल से जुड़ी कोई भी डाउट है या सवाल है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बताएं। हम बहुत जल्द ही आपका सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे और यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर शेयर करें, ताकि उसे भी जानकारी मिल सके।

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